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कर्मचारियों को तगड़ा झटका, बेसिक सैलरी में DA merger पर आया सरकार का लिखित जवाब 7th Pay Commission

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार से बड़ा झटका लगा है। कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी कि महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में मिला दिया जाए, लेकिन सरकार ने इस मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया है। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित रूप में स्पष्ट किया है कि सरकार के पास फिलहाल महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

कर्मचारी संगठनों की मांग क्या थी?

विभिन्न कर्मचारी संगठन पिछले कई समय से महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि महंगाई भत्ता अब 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है और ऐसी स्थिति में इसे मूल वेतन में मिलाना उचित होगा। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के साथ बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था। कर्मचारी संगठनों का मानना था कि महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मिलाने से कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के समय में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

सरकार ने क्यों ठुकराई मांग?

सरकार ने महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने से इनकार करने के पीछे वित्तीय कारणों का हवाला दिया है। राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अगर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला दिया जाता है तो सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि डीए/डीआर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है और वर्तमान में हर छह महीने में इसमें संशोधन किया जाता है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छठे वेतन आयोग ने भी डीए को मूल वेतन में न मिलाने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था।

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कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

सरकार के इस फैसले पर कर्मचारी संगठन निराश हैं। उनका मानना है कि बढ़ती महंगाई के समय में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाना जरूरी है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इससे कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अपने परिवार का बेहतर तरीके से भरण-पोषण कर पाएंगे। हालांकि, सरकार ने इस मांग को ठुकराकर स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाने वाली है।

8वें वेतन आयोग पर सरकार का रुख

वहीं, 8वें वेतन आयोग को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नए वेतन आयोग के गठन का फैसला कर लिया है। उनके अनुसार, 8वें वेतन आयोग से केंद्र सरकार के 36 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी इसका फायदा मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नया वेतन आयोग कब तक अपनी सिफारिशें देगा और इसे कब लागू किया जाएगा।

वर्तमान में जारी है महंगाई भत्ते में वृद्धि

सरकार के अनुसार, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होने के बाद से अब तक महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 15 किस्तें दी जा चुकी हैं। सरकार हर छह महीने में डीए की दरों में संशोधन करती रहती है ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके। हालांकि, महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की मांग फिलहाल अधर में लटकी हुई है और कर्मचारियों को इस मामले में जल्द कोई राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।

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