salary will increase: देश के 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। लंबे समय से इंतजार के बाद अब महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की संभावना बन गई है। बुधवार, 28 फरवरी, 2025 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में वृद्धि का ऐलान कर सकती है। इससे पहले उम्मीद थी कि सरकार होली से पहले डीए बढ़ाने की घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। अब इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए सभी केंद्रीय कर्मचारियों की नजरें कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई हैं।
महंगाई भत्ते में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो वर्तमान में 53 प्रतिशत चल रहा महंगाई भत्ता बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि, केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की है, जिससे महंगाई भत्ता 56 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। पिछले वर्ष अक्टूबर 2024 में सरकार ने डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि की थी, जिससे यह 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार 2 प्रतिशत बढ़ोतरी करती है या फिर कर्मचारियों की मांग मानकर 3 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करती है।
वेतन पर पड़ने वाला प्रभाव
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों की मासिक सैलरी पर पड़ेगा। यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन (बेसिक सैलरी) ₹18,000 है, तो 53 प्रतिशत के वर्तमान महंगाई भत्ते के अनुसार उसे ₹9,540 मिलते हैं। अगर महंगाई भत्ता बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाता है, तो उसे ₹9,900 मिलेंगे, यानि ₹360 प्रति माह की वृद्धि होगी। वहीं, अगर महंगाई भत्ता 56 प्रतिशत होता है, तो ₹10,080 महंगाई भत्ता मिलेगा, जिससे ₹540 प्रति माह की बढ़ोतरी होगी।
इसका मतलब यह है कि जितना अधिक मूल वेतन होगा, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से उतना ही अधिक लाभ मिलेगा। उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारियों और उच्च पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों को इससे अधिक आर्थिक फायदा होगा। हालांकि, सभी वर्गों के कर्मचारियों और पेंशनरों को इस बढ़ोतरी से कुछ न कुछ लाभ जरूर मिलेगा।
महंगाई भत्ता कैसे निर्धारित होता है?
महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को निर्धारित करने के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का उपयोग करती है। यह सूचकांक देश में महंगाई के स्तर को दर्शाता है। इसका उपयोग करके सरकार हर वर्ष दो बार – 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा आमतौर पर मार्च और सितंबर के महीनों में की जाती है।
महंगाई भत्ते में होने वाली इस बढ़ोतरी का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा। इस फैसले से न केवल सेवारत कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि सेवानिवृत्त पेंशनर्स की पेंशन में भी वृद्धि होगी, क्योंकि महंगाई राहत (DR) भी इसी अनुपात में बढ़ जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण
हाल के वर्षों में बढ़ती महंगाई ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवन पर काफी प्रभाव डाला है। ऐसे में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी उनके लिए राहत की बात है। यह बढ़ोतरी उन्हें बढ़ती कीमतों से निपटने में मदद करेगी और उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखने में सहायक होगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के हित में यह फैसला तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब हम देखते हैं कि महंगाई दर लगातार बढ़ रही है और रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की कीमतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का उद्देश्य कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन स्तर को बनाए रखना है।
28 फरवरी, 2025 को होने वाली कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला देश के 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर सरकार महंगाई भत्ते में 2 या 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला लेती है, तो इससे कर्मचारियों की आय में अच्छी-खासी वृद्धि होगी। यह बढ़ोतरी न केवल उनकी वर्तमान आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उनके भविष्य की योजनाओं में भी सहायक होगी।
अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा, और केंद्रीय कर्मचारियों को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए उचित बढ़ोतरी का फैसला लेगी, जिससे उन्हें वर्तमान आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से संबंधित अंतिम और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया भारत सरकार की अधिकृत वेबसाइट या प्रेस विज्ञप्ति देखें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होगा।