Advertisement

नोट छापने में RBI को कितना आता है खर्च, जानिये कौन सा नोट पड़ता है सबसे महंगा indian currency

indian currency: हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले रुपये के नोट हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। देश में 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट चलन में हैं, जिनका हम रोजाना उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये नोट छापने में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कितना खर्च करना पड़ता है? इन नोटों को छापने के लिए आरबीआई को विशेष नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। इन नोटों की छपाई का नियम विदेशी मुद्रा और सोने से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते एक विशेष प्रणाली के अंतर्गत ही इन्हें जारी किया जाता है।

नोट छापने के पीछे का नियम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटों की छपाई के लिए 200 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने पास रखनी होती है। इसमें 115 करोड़ रुपये का सोना और 85 करोड़ रुपये के मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल होती है। इतनी रकम भंडारित करने के बाद ही आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था की आवश्यकता अनुसार नोट छाप सकता है। यह न्यूनतम आरक्षित प्रणाली कहलाती है और यह सिस्टम काफी पहले से ही लागू है। आरबीआई के पास नोट छापने का अधिकार इन्हीं नियमों के अनुसार है।

सिक्कों के बजाय नोटों का अधिक प्रचलन क्यों?

भारत में सिक्कों की तुलना में नोटों का चलन अधिक है, जबकि सिक्कों की जीवन अवधि नोटों से अधिक होती है। इसके बावजूद, सरकार सिक्कों के मुकाबले नोटों की छपाई अधिक करती है। इसका मुख्य कारण नोटों का बड़े पैमाने पर उपयोग है। लोग अपने दैनिक लेनदेन में नोटों का उपयोग अधिक पसंद करते हैं, क्योंकि ये सिक्कों की तुलना में ले जाने में आसान होते हैं, खासकर बड़ी राशि के लिए।

Also Read:
DA Hike केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, बेसिक सैलरी और पेंशन में आएगा ज़बरदस्त उछाल DA Hike

10 रुपये के नोट की छपाई का खर्च

भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड (BRBNML) से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में 10 रुपये के एक हजार नोट छापने में 960 रुपये का खर्च आया था। इसका मतलब है कि एक 10 रुपये का नोट छापने में 96 पैसे का खर्च आता है। इस हिसाब से, 10 रुपये के नोट का छपाई खर्च उसके अंकित मूल्य का लगभग 10 प्रतिशत है।

छोटे नोटों की छपाई का खर्च

20 रुपये के एक हजार नोट छापने में 950 रुपये का खर्च आता है, यानी एक नोट की छपाई में 95 पैसे खर्च होते हैं। इस तरह, 20 रुपये का नोट 10 रुपये के नोट की तुलना में कम खर्च में छपता है। 50 रुपये के एक हजार नोट छापने में 1130 रुपये का खर्च आता है, जिसका अर्थ है कि एक 50 रुपये के नोट की छपाई में 1.13 रुपये खर्च होते हैं।

बड़े नोटों पर आने वाला खर्च

100 रुपये का एक नोट छापने में आरबीआई को 1.77 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यह 20 और 50 रुपये के नोटों की तुलना में अधिक है। आश्चर्यजनक रूप से, वर्तमान में छपाई के मामले में सबसे महंगा नोट 200 रुपये का है। एक 200 रुपये का नोट छापने में 2.37 रुपये का खर्च आता है। हालांकि 500 रुपये का नोट वर्तमान में भारतीय मुद्रा में सबसे बड़ा है, लेकिन इसकी छपाई का खर्च 200 रुपये के नोट से कम है। एक 500 रुपये का नोट छापने में 2.29 रुपये का खर्च आता है।

Also Read:
Ladli Behna Yojana 23th Kist लाड़ली बहना योजना की 23वीं क़िस्त तिथि जारी Ladli Behna Yojana 23th Kist

मूल्य और छपाई खर्च का अनुपात

रोचक बात यह है कि नोट के मूल्य और उसके छपाई खर्च के बीच का अनुपात भिन्न-भिन्न होता है। 10 रुपये के नोट के मामले में, छपाई खर्च मूल्य का लगभग 10 प्रतिशत है, जबकि 500 रुपये के नोट के मामले में, यह मात्र 0.5 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि बड़े मूल्य के नोटों की छपाई आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी है, हालांकि उनकी निरपेक्ष छपाई लागत अधिक होती है।

भारतीय मुद्रा के नोटों की छपाई एक जटिल और नियंत्रित प्रक्रिया है। नोटों की सुरक्षा विशेषताएं, डिजाइन और छपाई तकनीक उनके छपाई खर्च को प्रभावित करती हैं। आरबीआई नियमित रूप से मुद्रा की मांग और आपूर्ति का अध्ययन करता है और तदनुसार नोटों की छपाई की योजना बनाता है। इस प्रकार, हर बार जब हम अपनी जेब से एक नोट निकालते हैं, तो यह न केवल एक भुगतान माध्यम है, बल्कि एक जटिल आर्थिक प्रणाली और नियामक ढांचे का हिस्सा भी है।

Also Read:
Dearness Allowance सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 3% इज़ाफा, डीए बढ़ोतरी के बाद क्या होगा असर? Dearness Allowance
5 seconds remaining

Leave a Comment